मय वो क्यूँ बहुत पीते बज़्म-ए-ग़ैर में या रब
मय वो क्यूँ बहुत पीते बज़्म-ए-ग़ैर में या रब आज ही हुआ मंज़ूर उन को इम्तिहाँ अपना

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