फूले कदंब
फूले कदंब टहनी-टहनी में कन्दुक सम झूले कदंब फूले कदंब सावन बीता बादल का कोप नहीं रीता जाने कब से वो बरस रहा ललचाई आंखों से नाहक जाने कब से तू तरस रहा मन कहता है छू ले कदंब फूले कदंब झूले कदंब

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