तू दोस्त किसू का भी सितमगर न हुआ था
तू दोस्त किसू का भी सितमगर न हुआ था औरों पे है वो ज़ुल्म कि मुझ पर न हुआ था छोड़ा मह-ए-नख़शब की तरह दस्त-ए-क़ज़ा ने ख़ुर्शीद हुनूज़ उस के बराबर न हुआ था तौफ़ीक़ ब-अंदाज़ा-ए-हिम्मत है अज़ल से आँखों में है वो क़तरा कि गौहर न हुआ था जब तक कि न देखा था क़द-ए-यार का आलम मैं मो'तक़िद-ए-फ़ित्ना-ए-महशर न हुआ था मैं सादा-दिल आज़ुर्दगी-ए-यार से ख़ुश हूँ यानी सबक़-ए-शौक़ मुकर्रर न हुआ था दरिया-ए-मआसी तुनुक-आबी से हुआ ख़ुश्क मेरा सर-ए-दामन भी अभी तर न हुआ था जारी थी 'असद' दाग़-ए-जिगर से मिरी तहसील आतिश-कदा जागीर-ए-समुंदर न हुआ था

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