जो ये कहे कि रेख़्ता क्यूँके हो रश्क-ए-फ़ारसी
जो ये कहे कि रेख़्ता क्यूँके हो रश्क-ए-फ़ारसी गुफ़्ता-ए-'ग़ालिब' एक बार पढ़ के उसे सुना कि यूँ

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