हम से खुल जाओ ब-वक़्त-ए-मय-परस्ती एक दिन
हम से खुल जाओ ब-वक़्त-ए-मय-परस्ती एक दिन वर्ना हम छेड़ेंगे रख कर उज़्र-ए-मस्ती एक दिन

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