बातें
बातें– हँसी में धुली हुईं सौजन्य चंदन में बसी हुई बातें– चितवन में घुली हुईं व्यंग्य-बंधन में कसी हुईं बातें– उसाँस में झुलसीं रोष की आँच में तली हुईं बातें– चुहल में हुलसीं नेह–साँचे में ढली हुईं बातें– विष की फुहार–सी बातें– अमृत की धार–सी बातें– मौत की काली डोर–सी बातें– जीवन की दूधिया हिलोर–सी बातें– अचूक वरदान–सी बातें– घृणित नाबदान–सी बातें– फलप्रसू, सुशोभन, फल–सी बातें– अमंगल विष–गर्भ शूल–सी बातें– क्य करूँ मैं इनका? मान लूँ कैसे इन्हें तिनका? बातें– यही अपनी पूंजी¸ यही अपने औज़ार यही अपने साधन¸ यही अपने हथियार बातें– साथ नहीं छोड़ेंगी मेरा बना लूँ वाहन इन्हें घुटन का, घिन का? क्या करूँ मैं इनका? बातें– साथ नहीं छोड़ेंगी मेरा स्तुति करूँ रात की, जिक्र न करूँ दिन का? क्या करूँ मैं इनका?

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