है तमाशा-गाह-ए-सोज़-ए-ताज़ा हर यक उज़्व-ए-तन
है तमाशा-गाह-ए-सोज़-ए-ताज़ा हर यक उज़्व-ए-तन जूँ चराग़ान-ए-दिवाली सफ़-ब-सफ़ जलता हूँ मैं

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