'ग़ालिब' न कर हुज़ूर में तू बार बार अर्ज़
'ग़ालिब' न कर हुज़ूर में तू बार बार अर्ज़ ज़ाहिर है तेरा हाल सब उन पर कहे बग़ैर

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