दिल में ज़ौक़-ए-वस्ल ओ याद-ए-यार तक बाक़ी नहीं
दिल में ज़ौक़-ए-वस्ल ओ याद-ए-यार तक बाक़ी नहीं आग इस घर में लगी ऐसी कि जो था जल गया

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