ढाँपा कफ़न ने दाग़-ए-उयूब-ए-बरहनगी
ढाँपा कफ़न ने दाग़-ए-उयूब-ए-बरहनगी मैं वर्ना हर लिबास में नंग-ए-वजूद था

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