अज़-मेहर ता-ब-ज़र्रा दिल-ओ-दिल है आइना
अज़-मेहर ता-ब-ज़र्रा दिल-ओ-दिल है आइना तूती को शश-जिहत से मुक़ाबिल है आइना हैरत हुजूम-ए-लज़्ज़त-ए-ग़लतानी-ए-तपिश सीमाब-ए-बालिश ओ कमर-ए-दिल है आईना ग़फ़लत ब-बाल-ए-जौहर-ए-शमशीर पर-फ़िशाँ याँ पुश्त-ए-चश्म-ए-शोख़ी-ए-क़ातिल है आईना हैरत-निगाह-ए-बर्क़-ए-तमाशा बहार-ए-शोख़ दर-पर्दा-ए-हवा पर-ए-बिस्मिल है आईना याँ रह गए हैं नाख़ुन-ए-तदबीर टूट कर जौहर-तिलिस्म-ए-उक़्दा-ए-मुश्किल है आईना हम-ज़ानू-ए-तअम्मुल ओ हम-जल्वा-गाह-ए-गुल आईना-बंद ख़ल्वत-ओ-महफ़िल है आईना दिल कार-गाह-ए-फ़िक्र ओ 'असद' बे-नवा-ए-दिल याँ संग-ए-आस्ताना-ए-'बेदिल' है आईना

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