तू कहाँ जाएगी कुछ अपना ठिकाना कर ले
तू कहाँ जाएगी कुछ अपना ठिकाना कर ले हम तो कल ख़्वाब-ए-अदम में शब-ए-हिज्राँ होंगे

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