मैंने पूछा
मैंने पूछा तुम क्यों आ गई वह हँसी और बोली तुम्हें कुरूप से  बचाने के लिए कुरूप है ज़रुरत से ज़्यादा धूप मैं छाया हूँ ज़रूरत से ज़्यादा धूप कुरूप है ना?

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