उसे सुब्ह-ए-अज़ल इंकार की जुरअत हुई क्यूँकर
उसे सुब्ह-ए-अज़ल इंकार की जुरअत हुई क्यूँकर मुझे मालूम क्या वो राज़-दाँ तेरा है या मेरा

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