रोज़-ए-हिसाब जब मिरा पेश हो दफ़्तर-ए-अमल
रोज़-ए-हिसाब जब मिरा पेश हो दफ़्तर-ए-अमल आप भी शर्मसार हो मुझ को भी शर्मसार कर

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