निगह बुलंद सुख़न दिल-नवाज़ जाँ पुर-सोज़
निगह बुलंद सुख़न दिल-नवाज़ जाँ पुर-सोज़ यही है रख़्त-ए-सफ़र मीर-ए-कारवाँ के लिए

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