न पूछो मुझ से लज़्ज़त ख़ानमाँ-बर्बाद रहने की
न पूछो मुझ से लज़्ज़त ख़ानमाँ-बर्बाद रहने की नशेमन सैकड़ों मैं ने बना कर फूँक डाले हैं

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