मुझे रोकेगा तू ऐ नाख़ुदा क्या ग़र्क़ होने से
मुझे रोकेगा तू ऐ नाख़ुदा क्या ग़र्क़ होने से कि जिन को डूबना है डूब जाते हैं सफ़ीनों में

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