ख़ुदावंदा ये तेरे सादा-दिल बंदे किधर जाएँ
ख़ुदावंदा ये तेरे सादा-दिल बंदे किधर जाएँ कि दरवेशी भी अय्यारी है सुल्तानी भी अय्यारी

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