है याद मुझे नुक्ता-ए-सलमान-ए-ख़ुश-आहंग
है याद मुझे नुक्ता-ए-सलमान-ए-ख़ुश-आहंग दुनिया नहीं मर्दान-ए-जफ़ा-कश के लिए तंग चीते का जिगर चाहिए शाहीं का तजस्सुस जी सकते हैं बे-रौशनी-ए-दानिश-ओ-फ़रहंग कर बुलबुल ओ ताऊस की तक़लीद से तौबा बुलबुल फ़क़त आवाज़ है ताऊस फ़क़त रंग

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