सुन तो लिया किसी नार की ख़ातिर काटा कोह निकाली नहर
सुन तो लिया किसी नार की ख़ातिर काटा कोह निकाली नहर एक ज़रा से क़िस्से को अब देते क्यूँ हो तूल मियाँ

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