कमल के फूल
फूल लाया हूँ कमल के। क्या करूँ' इनका, पसारें आप आँचल, छोड़ दूँ; हो जाए जी हल्का! किन्तु होगा क्या कमल के फूल का? कुछ नहीं होता किसी की भूल का- मेरी कि तेरी हो- ये कमल के फूल केवल भूल हैं- भूल से आँचल भरूँ ना गोद में इनका सम्भाले मैं वजन इनके मरूँ ना! ये कमल के फूल लेकिन मानसर के हैं, इन्हें हूँ बीच से लाया, न समझो तीर पर के हैं। भूल भी यदि है अछती भूल है! मानसर वाले कमल के फूल हैं।

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