पैदाइश
बंद कमरा छटपटाता सा अंधेरा और दीवारों से टकराता हुआ मैं!! मुंतज़िर हूँ मुद्दतों से अपनी पैदाइश के दिन का अपनी माँ के पेट से निकला हूँ जब से मैं!! ख़ुद अपने पेट के अंदर पड़ा हूँ

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