निरापद कोई नहीं है
ना निरापद कोई नहीं है न तुम, न मैं, न वे न वे, न मैं, न तुम सबके पीछे बंधी है दुम आसक्ति की! आसक्ति के आनन्द का छंद ऐसा ही है इसकी दुम पर पैसा है! ना निरापद कोई नहीं है ठीक आदमकद कोई नहीं है न मैं, न तुम, न वे न तुम, न मैं, न वे कोई है कोई है कोई है जिसकी ज़िंदगी दूध की धोई है ना, दूध किसी का धोबी नहीं है हो तो भी नहीं है!

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