है अजीब शहर की ज़िंदगी न सफ़र रहा न क़याम है
है अजीब शहर की ज़िंदगी न सफ़र रहा न क़याम है कहीं कारोबार सी दोपहर कहीं बद-मिज़ाज सी शाम है

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