संविधान
संविधान यह पुस्‍तक मर चुकी है इसे मत पढ़ो इसके लफ़्ज़ों में मौत की ठण्‍डक है और एक-एक पन्‍ना ज़िन्दगी के अन्तिम पल जैसा भयानक यह पुस्‍तक जब बनी थी तो मैं एक पशु था सोया हुआ पशु और जब मैं जागा तो मेरे इन्सान बनने तक ये पुस्‍तक मर चुकी थी अब अगर इस पुस्‍तक को पढ़ोगे तो पशु बन जाओगे सोए हुए पशु।

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