जिन्दगी का राज
चर्चा अपने क़त्ल का अब दुश्मनों के दिल में है, देखना है ये तमाशा कौन सी मंजिल में है ? कौम पर कुर्बान होना सीख लो ऐ हिन्दियो ! ज़िन्दगी का राज़े-मुज्मिर खंजरे-क़ातिल में है ! साहिले-मक़सूद पर ले चल खुदारा नाखुदा ! आज हिन्दुस्तान की कश्ती बड़ी मुश्किल में है ! दूर हो अब हिन्द से तारीकि-ए-बुग्जो-हसद , अब यही हसरत यही अरमाँ हमारे दिल में है ! बामे-रफअत पर चढ़ा दो देश पर होकर फना , 'बिस्मिल' अब इतनी हविश बाकी हमारे दिल में है !

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