साधना का सत्य
यह जो दिया लिये तुम चले खोजने सत्य, बताओ क्या प्रबन्ध कर चले कि जिस बाती का तुम्हें भरोसा वही जलेगी सदा अकम्पित, उज्ज्वल एकरूप, निर्धूम?

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