तुझ मुख उपर हे रंग-ए-शराब-ए-अयाग़-ए-गुल
तुझ मुख उपर हे रंग-ए-शराब-ए-अयाग़-ए-गुल तेरी ज़ुलफ़ है हल्‍क़ए-दूद-ए-चिराग़-ए-गुल माशूक़ कूँ ज़हर नहीं आशिक़ की आह सूँ बुझता नहीं है बाद-ए-सबा सूँ चिराग़-ए-गुल रहता है दिल पिया के तफ़ह्हुस में रात-दिन है कार-ए-अंदलीब हमेशा सुराग़-ए-गुल आशिक़ मुदाम हाल-ए-परीशाँ सूँ शाद है आशुफ़्तगी के बीच है दायम फ़राग़-ए-गुल तुझ दाग़ सूँ हुआ है चमनज़ार दिल मिरा ऐ शोख़ आके देख तमाशा-ए-बा-ए-गुल चलते हैं पी के शौक़ सूँ उश्‍शाक़ रात दिन है दिल में बुलबुलाँ के शब-ओ-रोज़ दाग़-ए-दिल यूँ तुझ सजन में नश्‍शा-ए-मा'नी है ऐ 'वली' ज्‍यूँ रंग-ओ-बू की मै सूँ है लबरेज़ अयाग़-ए-‍दिल

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