सजन तुम सुख सेती खोलो नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता
कि ज्यों गुल से निकसता है गुलाब आहिस्ता आहिस्ता
हजारों लाख खू़वाँ में सजन मेरा चले यूँ कर
सितारों में चले ज्यों माहताब आहिस्ता आहिस्ता
सलोने साँवरे पीतम तेरे मोती की झलकाँ ने
किया अवदे-पुरैय्या को खऱाब आहिस्ता आहिस्ता