ख़ुशामद ऐ दिल-ए-बेताब इस तस्वीर की कब तक
ख़ुशामद ऐ दिल-ए-बेताब इस तस्वीर की कब तक ये बोला चाहती है पर न बोलेगी न बोली है

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