जिस ग़ुंचा-लब को छेड़ दिया ख़ंदा-ज़न हुआ
जिस ग़ुंचा-लब को छेड़ दिया ख़ंदा-ज़न हुआ जिस गुल पे हम ने रंग जमाया चमन हुआ

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