गर्द उड़ी आशिक़ की तुर्बत से तो झुँझला कर कहा
गर्द उड़ी आशिक़ की तुर्बत से तो झुँझला कर कहा वाह सर चढ़ने लगी पाँव की ठुकराई हुई

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