किसने वादा किया है आने का
किसने वादा किया है आने का हुस्न देखो ग़रीबख़ाने का रूह को आईना दिखाते हैं दर-ओ-दीवार मुस्कुराते हैं आज घर, घर बना है पहली बार दिल में है ख़ुश सलीक़गी बेदार जमा समाँ है ऐश-ओ-इश्रत का ख़ौफ़ दिल में फ़रेब-ए-क़िस्मत का सोज़-ए-क़ल्ब-ए-कलीम आँखों में अश्क-ए-उम्मीद-ओ-बीम आँखों में चश्म-बर-राह-ए-शौक़ के मारे चाँद के इंतज़ार में तारे

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