लालटेनें-1
रोशनी का नाम लेते ही याद आता है सूरज याद आती हैं बिजली की बत्तियाँ और टार्चें लेकिन अंधे तहख़ानों और ज़हरीली गैसों से भरे मैनहालों में उतारी जाती हैं सिर्फ़ लालटेनें जो अक्सर वहाँ से बुझी और तड़की हुई लौटती हैं हमें ख़तरों का पता देती हुईं क्योंकि वहाँ जाकर लालटेनें बुझ जाती हैं वहाँ जाकर आदमी का दम घुट जाता है।

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