जो हुआ 'जौन' वो हुआ भी नहीं
यानी जो कुछ भी था वो था भी नहीं
बस गया जब वो शहर-ए-दिल में मिरे
फिर मैं इस शहर में रहा भी नहीं
इक अजब तौर हाल है कि जो है
यानी मैं भी नहीं ख़ुदा भी नहीं
लम्हों से अब मुआमला क्या हो
दिल पे अब कुछ गुज़र रहा भी नहीं
जानिए मैं चला गया हूँ कहाँ
मैं तो ख़ुद से कहीं गया भी नहीं
तू मिरे दिल में आन के बस जा
और तू मेरे पास आ भी नहीं