सारी गली सुनसान पड़ी थी बाद-ए-फ़ना के पहरे में
सारी गली सुनसान पड़ी थी बाद-ए-फ़ना के पहरे में हिज्र के दालान और आँगन में बस इक साया ज़िंदा था

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