चतुर नेता
बातें रख रख बात बात में बात बनावें। रंग बदल कर नये नये बहुरंग दिखावें। कर चतुराई परम-चतुर नेता कहलावें। मीठे मीठे वचन बोल बहुधा बहलावें। जो करें जाति हित नाम को बहु भूखे हों नाम के। वे बड़े काम के क्यों न हों हैं न देश के काम के।

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