बे-नाम से इक ख़ौफ़ से दिल क्यूँ है परेशाँ
बे-नाम से इक ख़ौफ़ से दिल क्यूँ है परेशाँ जब तय है कि कुछ वक़्त से पहले नहीं होगा

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