हम ने हँस हँस के तिरी बज़्म में ऐ पैकर-ए-नाज़
हम ने हँस हँस के तिरी बज़्म में ऐ पैकर-ए-नाज़ कितनी आहों को छुपाया है तुझे क्या मालूम

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