दराज़ है शब-ए-ग़म सोज़-ओ-साज़ साथ रहे
दराज़ है शब-ए-ग़म सोज़-ओ-साज़ साथ रहे मुसाफ़िरो मय-ए-मीना-गुदाज़ साथ रहे क़दम क़दम पे अँधेरों का सामना है यहाँ सफ़र कठिन है दम-ए-शो'ला-साज़ साथ रहे ये कोह क्या है ये दश्त-ए-अलम-फ़ज़ा क्या है जो इक तिरी निगह-ए-दिल-नवाज़ साथ रहे कोई रहे न रहे एक आह इक आँसू ब-सद ख़ुलूस ब-सद इम्तियाज़ साथ रहे ये मय-कदा है नहीं सैर-ए-दैर सैर-ए-हरम नज़र-अफ़ीफ़ दिल-ए-पाक-बाज़ साथ रहे

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