तुझ लब की सिफ़त लाल-ए-बदख़्शाँ सूँ कहूँगा
तुझ लब की सिफ़त लाल-ए-बदख़्शाँ सूँ कहूँगा जादू हैं तिरे नैन ग़ज़ालाँ सूँ कहूँगा

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