सहमते स्वर-5
मैं राजदरबार से चला आया अपनी ही नज़रों में गिरने से बच गया। नए माहौल में भटकना भला लगता है सुविधा का भरण क्षण तो सड़ा-गला लगता है उनकी क्या करता हाँ-हज़ूरी जो ख़ुद मोहताज हैं

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