सहमते स्वर-4
मैं नहीं जाता किसी के द्वार बिना मनुहार अथवा समय की पुकार के अनमांगा दण्डकारण्य भी फलता है लंका का स्वर्ण सिर्फ़ जलता है- जलता है!

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