सुनो मैं ख़ूँ को अपने साथ ले आया हूँ और बाक़ी
सुनो मैं ख़ूँ को अपने साथ ले आया हूँ और बाक़ी चले आते हैं उठते बैठते लख़्त-ए-जिगर पीछे

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