मैं हूँ पतंग-ए-काग़ज़ी डोर है उस के हाथ में
मैं हूँ पतंग-ए-काग़ज़ी डोर है उस के हाथ में चाहा इधर घटा दिया चाहा उधर बढ़ा दिया

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