ख़फ़ा देखा है उस को ख़्वाब में दिल सख़्त मुज़्तर है
ख़फ़ा देखा है उस को ख़्वाब में दिल सख़्त मुज़्तर है खिला दे देखिए क्या क्या गुल-ए-ताबीर-ए-ख़्वाब अपना

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