दूर-अज़-तरीक़ मुझ को समझियो न ज़ाहिदा
दूर-अज़-तरीक़ मुझ को समझियो न ज़ाहिदा गर तू ख़ुदा-परस्त है मैं बुत-परस्त हूँ

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