चलते चलते न ख़लिश कर फ़लक-ए-दूँ से 'नज़ीर'
चलते चलते न ख़लिश कर फ़लक-ए-दूँ से 'नज़ीर' फ़ाएदा क्या है कमीने से झगड़ कर चलना

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