न उस के नाम से वाक़िफ़ न उस की जा मालूम
मिलेगा देखिए क्यूँकर वो बुत ख़ुदा मालूम
जवाब देखिए दिल ले के ये कहा चुपके
न हो ये और किसी को तिरे सिवा मालूम
लगा के ज़ख़्म-ए-जिगर पर जो फिर नमक छिड़का
तो इस में हम को हुआ और ही मज़ा मालूम
बदन परी का तिरे तन से गो कि गोरा है
वले वो चाहे कि ऐसा हो गुदगुदा मालूम
हम उस पे मरते हैं मुद्दत से और वो कहता है
क़सम ख़ुदा की हमें तो ये अब हुआ मालूम
किया था अहद न व'अदा न क़ौल ने इक़रार
जो आ गया वो मिरे पास शब को ना-मालूम
जो मुझ से हँस के कहा जिस लिए हम आए हैं
'नज़ीर' तुम ने भी सच कहियो क्या किया मालूम
कहा ये मैं ने मुझे क्या ख़बर तुम्हीं जानो
किसी के दिल की भला जी किसी को क्या मालूम